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देश का पहला वाइल्डलाइफ ओवरपास कॉरिडोर – बाघों और वन्यजीवों की सुरक्षा की नई पहल

       Krishna Times 

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भारत को मिला वन्यजीव सुरक्षा का नया तोहफा!


भारत में वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के उस हिस्से पर, जो राजस्थान के प्रसिद्ध रणथंभौर टाइगर रिजर्व के पास से गुजरता है, देश का पहला वाइल्डलाइफ ओवरपास कॉरिडोर तैयार किया गया है। यह कॉरिडोर कुल 12 किलोमीटर लंबा है, जिसमें 5 ओवरपास और 1.2 किलोमीटर लंबा अंडरपास शामिल हैं।


वन्यजीवों के लिए क्यों जरूरी था यह कॉरिडोर?


रणथंभौर टाइगर रिजर्व और उसके आसपास के जंगलों में बाघ, भालू, शेर और चीता जैसे कई बड़े जानवर रहते हैं। जब ये जानवर एक जंगल से दूसरे जंगल की ओर जाते हैं, तो उन्हें सड़कों को पार करना पड़ता है, जिससे उनकी जान को खतरा होता है और सड़क हादसों की संभावना भी बढ़ती है। ऐसे में यह ओवरपास और अंडरपास कॉरिडोर वन्यजीवों को सुरक्षित आवागमन की सुविधा देगा।


पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम


यह परियोजना न केवल जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि यह देश में इको-फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर के बढ़ते कदम का उदाहरण भी है। यह पहल वन्यजीवों और इंसानों के बीच टकराव को कम करेगी और वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को मजबूती देगी।


सरकार और पर्यावरण प्रेमियों की सराहनीय पहल


इस कॉरिडोर का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और वन्यजीव विशेषज्ञों की देखरेख में किया गया है। यह परियोजना देशभर में वन्यजीवों की सुरक्षा और सड़क निर्माण में पर्यावरण की भूमिका को ध्यान में रखने का प्रेरणादायक उदाहरण बन गई है।



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यह वाइल्डलाइफ ओवरपास कॉरिडोर केवल एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि यह भविष्य की सोच, प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और विकास के साथ संतुलन की मिसाल है। उम्मीद है कि भारत के अन्य हिस्सों में भी ऐसे कदम उठाए जाएंगे।

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