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बिहार चुनाव 2025 से पहले मतदाताओं को बड़ी राहत: अब बिना दस्तावेज के करा सकेंगे नामांकन, जानिए मतदाता सूची पुनरीक्षण की पूरी प्रक्रिया

 


                         लेखक: krishna Times 


बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और इसी क्रम में चुनाव आयोग ने राज्य के मतदाताओं को बड़ी राहत दी है। वोटर लिस्ट (मतदाता सूची) के पुनरीक्षण कार्यक्रम में अब नागरिक बिना किसी पहचान दस्तावेज के भी अपना नाम जुड़वाने के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह फैसला खास तौर पर उन मतदाताओं के लिए बेहद फायदेमंद है जो दस्तावेजों के अभाव में अब तक मतदाता सूची में नाम जुड़वाने से वंचित रह जाते थे।


इस निर्णय का असर न केवल मतदाता सूची की व्यापकता और पारदर्शिता पर पड़ेगा, बल्कि इससे लोकतांत्रिक भागीदारी भी सशक्त होगी। आइए, विस्तार से जानते हैं कि यह सुविधा क्या है, इसका उद्देश्य क्या है और इससे आम जनता को क्या लाभ मिलेगा।


📌 क्या है नया प्रावधान?


भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार में चल रहे मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण अभियान के तहत एक बड़ा बदलाव किया है। अब कोई भी योग्य नागरिक बिना दस्तावेज़ जमा किए फॉर्म-6 के माध्यम से अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए आवेदन कर सकता है।


यह सुविधा उन नागरिकों के लिए लागू की गई है जिनके पास किसी कारणवश पहचान, पते या आयु का दस्तावेज नहीं है। ऐसे लोग स्वप्रमाणन (Self-attestation) के आधार पर भी आवेदन कर सकते हैं।



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📍 स्वप्रमाणन क्या है?


स्वप्रमाणन का मतलब है कि आवेदक स्वयं ही यह घोषणा करेगा कि वह भारत का नागरिक है, उसकी उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक है, और वह जिस पते पर निवास कर रहा है, वहीं से वोट देना चाहता है। यह


घोषणा वह फॉर्म-6 में ही करता है, और उसके आधार पर उसका नाम मतदाता सूची में जोड़ा जा सकता है।


हालांकि, इसके बाद चुनाव आयोग द्वारा वेरिफिकेशन प्रक्रिया की जाती है, जिसमें बीएलओ (Booth Level Officer) उसके घर जाकर जांच करता है और पुष्टि करता है कि आवेदन सही है या नहीं।



📌 पुनरीक्षण कार्यक्रम की तिथियां


बिहार में 1 जुलाई 2025 से लेकर 31 जुलाई 2025 तक यह विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम चल रहा है। इस दौरान लोग:


नया नाम जुड़वा सकते हैं

पुराने नाम में सुधार करा सकते हैं


मृत या स्थानांतरित लोगों का नाम हटवा सकते हैं


पते में परिवर्तन कर सकते हैं

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✅ कौन-कौन आवेदन कर सकते हैं?


1. 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले नागरिक (जो 1 अक्टूबर 2025 तक 18 साल के हो जाएंगे)



2. जिनका नाम अभी तक मतदाता सूची में नहीं है



3. जिन्होंने नया पता बदला है या एक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे में स्थानांतरित हुए हैं



4. नाम, लिंग, जन्मतिथि या फोटो में सुधार कराना चाहते हैं





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📝 आवेदन कैसे करें?


1. ऑनलाइन माध्यम:


वेबसाइट: https://voters.eci.gov.in


मोबाइल ऐप: Voter Helpline App


लॉगिन कर के Form-6 भरें




2. ऑफलाइन माध्यम:


BLO के माध्यम से फॉर्म प्राप्त करें


भर कर जमा करें, BLO द्वारा सत्यापन किया जाएगा


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📊 दस्तावेज न देने पर भी सुरक्षा के उपाय


बिना दस्तावेज आवेदन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक आवेदन की BLO द्वारा फिजिकल वेरिफिकेशन जरूरी होगा। यदि कोई जानकारी फर्जी या गलत पाई जाती है, तो आवेदन रद्द कर दिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।


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🎯 चुनाव आयोग का उद्देश्य


भारत निर्वाचन आयोग का यह कदम "कोई मतदाता न छूटे" के सिद्धांत पर आधारित है। आयोग का मानना है कि लोकतंत्र की सफलता तभी संभव है जब अधिक से अधिक लोग चुनाव प्रक्रिया में भाग लें और उन्हें वोट देने का अधिकार मिले।


इस पहल का उद्देश्य है:


दस्तावेजी जटिलताओं के कारण छूटे लोगों को मौका देना
खासकर ग्रामीण क्षेत्रों और वंचित वर्गों को जोड़ना


युवाओं को वोटिंग प्रक्रिया में शामिल करना


महिलाओं, दिव्यांगजनों और समाज के पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाना
 


🙋 किसे होगा सबसे अधिक लाभ?


ग्रामीण इलाकों के लोग जिनके पास कभी-कभी पहचान पत्र या जन्म प्रमाण पत्र नहीं होता


झुग्गी-झोपड़ी और अस्थायी निवास वाले लोग


बेघर नागरिक


महिलाएं, जिन्हें पारिवारिक वजहों से दस्तावेज बनवाने में कठिनाई होती है


नवयुवक, जिनके दस्तावेज बनते समय गलतियां हो जाती हैं




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🔍 आम नागरिकों से अपील


चुनाव आयोग ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान सक्रिय रूप से भाग लें और अपने नजदीकी BLO से संपर्क कर अपने वोटर डेटा को सही कराएं। यदि आपका नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो आप वोट नहीं दे पाएंगे, इसलिए समय रहते यह प्रक्रिया पूरी करें।



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✍️ निष्कर्ष


बिहार चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची को अद्यतन और अधिक समावेशी बनाने के लिए यह बदलाव बेहद महत्वपूर्ण है। दस्तावेजों के अभाव में अब कोई भी व्यक्ति वोट देने के अधिकार से वंचित नहीं रहेगा।


यह कदम लोकतंत्र को मजबूत करेगा और सुनिश्चित करेगा कि हर योग्य नागरिक को अपनी सरकार चुनने का अधिकार मिले। चुनाव आयोग द्वारा उठाया गया यह कदम स्वागतयोग्य है और बिहार जैसे राज्य में जहां दस्तावेज संबंधी समस्याएं आम हैं, वहां यह परिवर्तन बेहद प्रभावशाली साबित हो सकता है।



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👉 आप भी अभी चेक करें अपना नाम वोटर लिस्ट में और जरूरत हो तो फॉर्म-6 भरकर करें आवेदन।


📢 Krishna Times अपील करता है - वोट बनवाइए, लोकतंत्र को मज़बूत बनाइए।



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स्रोत: भारत निर्वाचन आयोग, बिहार मुख्य निर्वाचन कार्यालय
प्रकाशन: Krishna Times Digital Desk


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